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पिछले 10 साल में दुनिया को भारत में दिखी उम्मीद, ‘विकसित भारत एंबेसडर’ में अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर साधा निशाना

नई दिल्ली : लखनऊ में ‘विकसित भारत एंबेसडर’ कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले 2004 से 2014 तक देश में एक के बाद एक घोटाले नजर आते थे। बहुत बड़ी चुनौतियां थी। एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था थम सी गई थी। विकास कार्य ठप्प पड़े हुए थे। लेकिन, पिछले 10 साल में ऐसा कुछ हुआ कि आज दुनिया को उम्मीद कहीं दिखाई दे रही है, और चमकता सितारा नजर आ रहा है, वह भारत में नजर आ रहा है।कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा।

उन्होंने कहा कि एक समय कई लोग डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज हमारे आस-पास सब डिजिटल ही डिजिटल है। अगर पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री होते, तो भारत से ज्यादा चीन के हितों का ख्याल रखते। इनको देश के ग्रामीण इलाकों में और गरीब जनता और भारत के लोगों में विश्वास नहीं था। पीएम मोदी ने देश के दो लाख पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंचा दिया। इंटरनेट सबसे सस्ता दे दिया। यूपीए, भीम डिजिटल पेमेंट ले आए और आज भारत दुनिया का नंबर वन डिजिटल पेमेंट वाला देश बन गया है। जिनको लगता था आलू और टमाटर साढ़े सात रुपये में गांव में कैसे खरीदेंगे, इंटरनेट नहीं होगा। उनको मैं बताना चाहता हूं कि आप उस पार्टी से आते हो जहां आपका नेता कहता है कि एक तरफ आलू डालो, दूसरी तरफ सोना निकलेगा।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि आगे बढ़ाने के लिए लोकतंत्र में अच्छी सरकारें होनी चाहिए। अच्छी सरकार चुनने के लिए जागरूक मतदाता चाहिए। मैं आप सबसे चाहता हूं अगर भारत का भविष्य उज्ज्वल देखना है तो विकसित भारत का संकल्प जो अगले 25 साल की यात्रा है, उसको देखना होगा। एक समय था हम खेलों में कही नहीं थे, आज हम खेलों में आगे बढ़ रहे हैं। एक समय था हम चंदा मामा की लोरी सुनते थे। भारत का स्टार्टअप में कहीं नाम नहीं था आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप वाला इकोसिस्टम हमारा देश बन गया है।

उन्होंने कहा कि 2013 में हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ाती हुई थी। पीएम मोदी के 10 साल के प्रयास के कारण हम चरमराती, लड़खड़ाती नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गए हैं। लेकिन यहां रुकना नहीं है, हमें आगे बढ़ना है।

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