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‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के तहत नशा तस्करों की 2,730 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त : मुख्यमंत्री मान

चंडीगढ़ : पंजाब में नशीले पदार्थों और संगठित अपराध नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि राज्य निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहा है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में 85,418 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, एन.डी.पी.एस. (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) अधिनियम के तहत सजा दर 88 प्रतिशत रही है तथा 1 जनवरी 2025 से अब तक 916 गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस विभाग के कार्य-प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सख्त प्रवर्तन, गहन जांच और शून्य राजनीतिक हस्तक्षेप के जमीनी स्तर पर परिणाम सामने आ रहे हैं। यह नशों के खतरे के खिलाफ पंजाब की लंबी लड़ाई में बयानबाज़ी से आगे बढ़कर ठोस कार्रवाई की ओर स्पष्ट बदलाव को दर्शाता है।

आज यहां बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से नशा तस्करों के खिलाफ 63,053 मामले दर्ज किए गए हैं। भगवंत सिंह मान ने बताया कि वर्ष 2025 में ‘ युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान शुरू होने के बाद से पुलिस ने 30,144 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं और 40,302 तस्करों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि यह अपनी तरह का अनोखा अभियान 1 मार्च 2025 को शुरू किया गया था, जो नशों पर काबू पाने में काफी हद तक सफल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों से निपटने के लिए प्रवर्तन, नशा मुक्ति और रोकथाम—इन तीन सिद्धांतों पर आधारित बहु-आयामी रणनीति तैयार की गई, जिसके परिणाम अत्यंत उत्साहजनक रहे हैं। इस अभियान के तहत नशा आपूर्ति करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई और तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में 5,119.94 किलोग्राम हेरोइन, 3,458.53 किलोग्राम अफीम, 5.82 किलोग्राम कोकीन, 82.04 किलोग्राम आइस, 4.98 करोड़ कैप्सूल तथा 52.46 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने वर्ष 2022 से नशों के खिलाफ लड़ाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके तहत व्यापक, निरंतर और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें प्रवर्तन, वित्तीय अवरोध, तकनीक आधारित पुलिसिंग, सजा सुनिश्चित करना, जन भागीदारी और पुनर्वास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) इस रणनीति को लागू करने में अग्रणी रही है, जिसके चलते सभी प्रमुख संकेतकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रवर्तन प्रयास अब केवल छोटी-मोटी बरामदगी से आगे बढ़कर व्यावसायिक मात्रा वाले मामलों, आदतन अपराधियों और संगठित तस्करी नेटवर्क के खिलाफ लक्षित कार्रवाई में बदल गए हैं, जिससे उच्च स्तर पर नशा आपूर्ति की कड़ी तोड़ी गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय जांच के माध्यम से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जब्ती के लिए 1,400 से अधिक मामले सामने आए हैं। वर्ष 2022 से 2025 के दौरान 2,730 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट संदेश गया है कि पंजाब में नशीले पदार्थों के अपराध से कमाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच की गुणवत्ता और प्रभावी कानूनी पैरवी के परिणामस्वरूप अदालतों द्वारा 25,000 से अधिक एन.डी.पी.एस. मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें 21,600 से अधिक सजाएं हुईं। समग्र सजा दर लगभग 84 प्रतिशत रही, जो लगातार सुधर रही है और वर्ष 2025 में यह दर लगभग 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह मजबूत केस तैयारी, फॉरेंसिक सहयोग और प्रभावी अभियोजन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पी.ए.आई.एस. आधारित विश्लेषण, तकनीकी सेल, डिजिटल फॉरेंसिक और खुफिया जानकारी साझा करने के माध्यम से तकनीकी क्षमताओं को काफी मजबूत किया गया है।

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