नई दिल्ली : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नई दिल्ली आना महज एक राजकीय दौरा नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिक्स में बदलती ताकतों का संकेत है। दिल्ली की हवा में वीरवार शाम को गर्मजोशी से PM मोदी खुद पालम एयरपोर्ट पहुंचे और व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया जो 4 साल बाद भारत आए हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार की शाम करीब 7 बजे दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन पर उतरे। उनका स्वागत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रोटोकॉल की सभी सीमाएं लांघते हुए PM मोदी एयरपोर्ट पहुंचे और पुतिन को गले लगाया। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठकर प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे। वहां दोनों नेताओं ने अनौपचारिक वन-टू-वन बातचीत की है। PM मोदी ने पुतिन के सम्मान में डिनर भी होस्ट किया है। पुतिन ऐसे समय में भारत आए हैं जब पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत-रूस अब क्या नया प्लान बनाते हैं।

इस दौरे में कई अहम समझौते होने की संभावना
- रोसाटोम भारत में और न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने का करार करेगी।
- S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बची हुई दो बैटरियां जल्द भेजी जाएंगी, पांच और खरीदने की बात चल रही है।
- S-500 सिस्टम में सहयोग और ब्रह्मोस मिसाइल की अगली पीढ़ी को साथ मिलकर विकसित करना।
- रूस ने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट सुखोई-57 के ज्वाइंट प्रोडक्शन ऑफर दिया है।
- सिविलियन एयरक्राफ्ट (कॉमर्शियल पैसेंजर प्लेन) और शिपबिल्डिंग में पार्टनरशिप।
- हाई-टेक सेक्टर, स्पेस, न्यूक्लियर एनर्जी, हेल्थ, शिपिंग, फर्टिलाइजर और कनेक्टिविटी में नए समझौते।
- रूस में यूरिया प्लांट लगाने, रेयर अर्थ मिनरल्स में सहयोग और स्पेस प्रोग्राम में तकनीक ट्रांसफर की बात।

