श्री आनंदपुर साहिब, 24 नवंबर : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले में अमृतसर शहर के आंतरिक हिस्से (वॉल्ड सिटी), तलवंडी साबो और श्री अनंदपुर साहिब, जहां तख्त साहिबान स्थित हैं, को पवित्र शहर का दर्जा देने का निर्णय लिया है।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दशकों से श्रद्धालु लोग इन शहरों को पवित्र शहर का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिखों के पांच तख्त साहिबान हैं, जिनमें से तीन तख्त – श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर), तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, बठिंडा) और तख्त श्री केसगढ़ साहिब (श्री आनंदपुर साहिब) पंजाब में स्थित हैं। अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित समारोहों के दौरान श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर पंजाब विधानसभा का यह विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि महान सिख गुरुओं ने हमेशा सर्व कल्याण के आदर्श को कायम रखा है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानव अधिकारों की रक्षा के लिए महान बलिदान दिया। अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु साहिब ने स्वयं अपने हाथों से श्री आनंदपुर साहिब शहर बसाया था। बताया जाता है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने शहर बसाने के लिए जमीन खरीदी थी और गुरु साहिब के इकलौते पुत्र श्री गुरु गोबिंद सिंह जी इस पवित्र धरती पर लगभग तीस वर्ष तक रहे।

मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि इसी पवित्र धरती पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने जुल्म, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ डटकर मुकाबला करने तथा कौम की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों में से तीन साहिबजादों का जन्म यहीं हुआ था, जिन्होंने दी गई कुर्बानियां विश्व इतिहास में अनुपम हैं। अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए और पंजाब विधानसभा के इस सत्र को इतिहास में स्थायी रूप से यादगार बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने इन शहरों को पंजाब के पवित्र शहर घोषित किया है।
मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि श्रद्धालुओं की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए इन शहरों में मांस, शराब, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये शहर केवल धार्मिक आस्था के केंद्र ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक भी हैं। इसलिए यह मांग किसी एक राजनीतिक पार्टी, समुदाय या धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत की संरक्षा और इसके वैश्विक प्रसार की दिशा में आवश्यक कदम है। अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रदेश सरकार इन शहरों के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ इनके सर्वांगीण विकास को भी सुनिश्चित करेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने पंजाब विधानसभा में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जिसे विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि साथ ही इन पवित्र शहरों में सभी धार्मिक संस्थाओं से संबंधित सर्व-धर्म समिति गठित की जाएगी, जिसमें सभी धर्मों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार इन पवित्र शहरों के सर्वांगीण विकास, स्वच्छता, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक बजट प्रावधान किया जाएगा और केंद्र सरकार से भी फंड मांगे जाएंगे क्योंकि आने वाली पीढ़ियों के लिए इन शहरों की विरासत को संजोए रखना अत्यंत आवश्यक है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी को नम्र श्रद्धांजलि के रूप में प्रदेश सरकार ने नौवें पातशाह के 350वें शहीदी दिवस को बड़े स्तर पर मनाने के लिए पूरे प्रदेश में क्रमवार समारोह आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि आज का सत्र केवल इन्हीं समारोहों को समर्पित था। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की महान कुर्बानी सर्वोच्च और अद्वितीय है, क्योंकि गुरु साहिब ने दूसरों के धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने मानवता और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए बलिदान देकर विश्व के लिए मिसाल कायम की।
मुख्यमंत्री ने लोगों से गुरु साहिब द्वारा दिखाए मानवता की भलाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिल्ली जाकर शहादत दी, जिसकी मिसाल विश्व इतिहास में कहीं नहीं मिलती। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नौवें पातशाह धर्मनिरपेक्षता, एकता और आपसी भाईचारे के सच्चे प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का जीवन और दर्शन संपूर्ण मानवता के लिए प्रकाश-स्तंभ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समारोह आने वाले समय में भी जारी रहेंगे और गुरु साहिब के शहीदी दिवस को हर साल मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए महान गुरु साहिब जी की शानदार विरासत को जीवित रखना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पवित्र स्थानों पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं।

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