नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुँचने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी की। लगातार बढ़ते प्रदूषण के बीच बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में शामिल करने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रदूषित हवा में बच्चों को मैदान पर उतारना उन्हें गैस चैंबर में भेजने जैसा है। मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए केवल सख्त कदम ही उठाने होंगे।
कोर्ट ने कहा कि सीएक्यूएम प्रदूषण नियंत्रण के लिए तुरंत सख्त कदम उठाए। सुनवाई के दौरान सीएक्यूएम ने कोर्ट को बताया कि वे कुछ गतिविधियों को ग्रैप-3 से हटाकर ग्रैप-2 में शामिल करने के लिए आवेदन कर रहे हैं, ताकि समय रहते निवारक उपाय किए जा सकें। आयोग ने यह भी कहा कि वे ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के तहत और अधिक प्रतिबंधित गतिविधियों को जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कोर्ट ने बीएस-3 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति जताते हुए कहा कि प्रदूषण न केवल वाहन की उम्र पर बल्कि उसके उपयोग पर भी निर्भर करता है।
अदालत को पता चला कि दिल्ली सरकार नवंबर-दिसंबर में स्कूलों के लिए अंतर-क्षेत्रीय खेल टूर्नामेंट आयोजित कर रही है, जबकि इस दौरान अक्सर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार चला जाता है। इस पर अदालत ने सख्त आदेश जारी करते हुए बच्चों के खेल टूर्नामेंट रोकने के आदेश जारी किए। अदालत ने CAQM को निर्देश दिया कि वह सभी राज्यों को बच्चों की खेल गतिविधियों को सुरक्षित महीनों में स्थानांतरित करने के लिए तुरंत स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करे। अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) से भी कहा कि वह इस मामले पर दिल्ली सरकार से तुरंत बात करें।+

