चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा के स्पीकर सरदार कुलतार सिंह संधवां ने साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पावन सरूपों के गुम होने के गंभीर मामले पर सिख संगतों को अवगत कराते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) से अपील की कि वह इस मामले में राजनीति करने के बजाय दोषियों और उनके संरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पंजाब सरकार का पूरा सहयोग करे।
स्पीकर संधवां ने कहा कि जब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के एक पावन सरूप के अंग गलियों में बिखरे मिलने की घटना ने दुनिया भर की सिख संगतों को भीतर तक झकझोर दिया था, तो फिर 328 सरूपों के मामले में की जा रही कानूनी कार्रवाई का एसजीपीसी द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरु साहिब से जुड़े मामलों पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जाएगी, लेकिन गुरु-द्रोहियों के खिलाफ गुरु साहिब द्वारा बख्शी गई शक्ति का संवैधानिक और उचित उपयोग अवश्य किया जाएगा।
स्पीकर ने आरोप लगाया कि एसजीपीसी द्वारा विभिन्न गुरुद्वारों और गुरु की गोलक का दुरुपयोग करते हुए, पंजाब सरकार द्वारा 328 सरूपों के मामले में दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में संगतों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि सरकार सिख धार्मिक मामलों में दखल दे रही है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर 328 पावन सरूप कहां गए।
सरदार संधवां ने सवाल उठाए कि गुमशुदा सरूपों के मामले में मांग-पत्र के माध्यम से कार्रवाई की मांग करने वाली संगतों पर टास्क फोर्स द्वारा हमले किसके इशारे पर करवाए गए और लगभग पांच वर्षों से श्री अमृतसर साहिब की धरती पर चल रहे शांतिपूर्ण मोर्चे को संतोषजनक जवाब देकर समाप्त करने से किसने रोका।
उन्होंने कहा कि कार्यकाल पूरा कर चुकी एसजीपीसी अपनी बनती जिम्मेदारी निभाने में असफल रही, जिसके कारण सिख संगतों की भावनाओं के अनुरूप पंजाब सरकार को सख्त कदम उठाने पड़े। उन्होंने कहा कि आम सिख संगत सरकार की कार्रवाई की सराहना कर रही है, लेकिन शिरोमणि कमेटी पर काबिज धड़ा दोषियों को बचाने के लिए गुरु की गोलक का दुरुपयोग कर रहा है।

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