नई दिल्ली | सिख नरसंहार (1984) से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 41 साल बाद कांग्रेस के पूर्व नेता और सांसद सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सज्जन कुमार को 1984 के सिख नरसंहार से जुड़े सरस्वती विहार हिंसा के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दूसरी बार सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा हुई है।
इसके पहले सज्जन कुमार दिल्ली कैंट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। दिल्ली पुलिस और पीड़ितों ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में मानते हुए सज्जन कुमार के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की थी।
एसआईटी ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया और उनके घरेलू सामान समेत अन्य संपत्ति को भी लूट लिया था. इस दौरान उनका घर भी जला दिया गया था. इस हमले में घर के कई लोगों को चोट भी आई थी।
बता दें कि 1 नवंबर, 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया था। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया था। 1984 के सिख विरोधी दंगों में सिख समुदाय के हजारों लोगों को निशाना बनाया गया था।
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