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मलविंदर कंग ने पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के लिए लोकसभा में उठाया 5 लाख एकड़ फसल बर्बादी का मुद्दा, मांगा विशेष फंड

चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने लोकसभा में पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान का गंभीर मसला उठाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए तत्काल ₹50,000 करोड़ का विशेष राहत पैकेज जारी किया जाए। कंग ने भारत सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि बाढ़ से प्रभावित छह जिलों के 2500 गाँवों को दो महीने बाद भी केंद्र सरकार से एक रुपया भी नहीं मिला है।

श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पिछले कुछ माह पहले पंजाब में बड़े स्तर पर बाढ़ आई। इस बाढ़ के कारण तकरीबन छह जिलों के 2500 गाँव पूरी तरह तबाह हो गए। उन्होंने बताया कि 5 लाख एकड़ से ज़्यादा खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जो बिल्कुल तैयार थी। कंग ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या सीमावर्ती (बॉर्डर) जिलों में आई है। ये वही जिले हैं, जिनके लोगों ने ‘ऑपरेशन संदूर’ के दौरान भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की लड़ाई लड़ी थी।

सांसद कंग ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और भारत सरकार के तमाम मंत्री बाढ़ के बाद पंजाब का दौरा करने आए, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी, इन छह जिलों के लोगों को दोबारा पैरों पर खड़ा करने के लिए, उन्हें पुनर्वासित करने के लिए, भारत सरकार की तरफ से एक रुपया भी नहीं दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि जब बिहार में चुनाव होते हैं, तब तो आप ₹50,000 करोड़, ₹70,000 करोड़ या ₹90,000 करोड़ के पैकेज की बोलियाँ लगाते हैं।

उन्होंने कहा कि एक तरफ पंजाब वह राज्य है जिसने देश की आज़ादी के लिए और देश के अनाज भंडार भरने में सबसे बड़ा योगदान दिया हो, और दूसरी तरफ़, उसी प्रदेश को मुश्किल के समय में अपने हालात पर छोड़ देना इससे बड़ा भेदभाव नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जिन हरियाणा और राजस्थान सरकारों ने पंजाब के हिस्से का पानी मांगा और क्लेम किया, उन्होंने भी विपत्ति के इस समय में पंजाब का साथ नहीं दिया।

मलविंदर सिंह कंग ने भारत सरकार से मांग की कि पंजाब के बाढ़ पीड़ितों, जिनके घर, अस्पताल, सड़कें सब तबाह हो गईं और जिनकी 5 लाख एकड़ फसल खत्म हो गई, उनके लिए ₹50,000 करोड़ का एक विशेष पैकेज तुरंत जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि यह फंड पंजाब और सीमावर्ती क्षेत्रों के उन लोगों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने और अपने बच्चों का अच्छा भविष्य बनाने में मदद करेगा, जो देश की लड़ाई लड़ते हैं।

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